होकर तुम्ही से गुज़री ये नज़रे
नज़रो का जैसे तुम सवेरा
है इस घडी में कैसा ये जादू
तुम ही सम्भालो,तुम ही जानो
ये दिल तो है अब तेरा
तेरा हुआ जुबाँ का हर लफ्ज़
कुछ भी रहा न मेरा
आवारगी को मिला सुकून
धूप में था लम्बा सफर
मिलकर है छाँव मिली
मिले जो जबसे
मेरे हुए हो
पिघल गया
बस इतना
कि मैं मैं रहा
Photographs:
clicked at Guest House, Singrauli ,India