अपनी दिल की बेचैनी
हाथों की लकीरे
चलने को है रास्ते कई मगर
है वजह कई नफरत की
है कहने को बातें कई
जीतने को है सारा जमाना
“We don't read and write poetry because it's cute. We read and write poetry because we are members of the human race. And the human race is filled with passion. So medicine, law, business, engineering... these are noble pursuits and necessary to sustain life. But poetry, beauty, romance, love... these are what we stay alive for.” ― N.H. Kleinbaum, Dead Poets Society
वो नहीं है इसका गम न हो
वो थी ये वजह शुक्रगुज़ार होने को क्या कम है ?
दुनिया से पर्दा रोशनियों का बुझना तो नहीं
क्योंकि चिराग तो यूँ बुझाया गया है
कि सुबह होने को है।
~ रविंद्रनाथ टैगोर
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