एक कोना जो बेहद पसंद है मुझे,
वहां हँसने की आज़ादी है,
रोने का भी इंतज़ाम है,
गुस्सा होने और नाराज़ होने पे भी कोई रोक टोक नहीं।
एक कोना,
जहाँ घंटो गुज़ारना पसंद है मुझे,
खुलकर लिखने,गाने की आज़ादी है,
कुछ अपना सा लगता है यहाँ!
मेरी भिखरी पड़ी किताबे, डायरी भी
इस कोने से गुफ्तगू करने लगी है।
ये तकिया जो इस कोने की सबसे अच्छी दोस्त है,
उस पर सर रखकर चैन की नींद सो जाता हूँ ।
डर है कि कोई सफाई वाला न आ जाये,
जो इस कोने की सफाई कर दे,
ये कोना पहले जैसा नहीं रहेगा,
बिखरा,गन्दा,फैला, बिलकुल मेरे जैसा।
डर है की ये कोना मुझसे दूर न हो जाये!
वहां हँसने की आज़ादी है,
रोने का भी इंतज़ाम है,
गुस्सा होने और नाराज़ होने पे भी कोई रोक टोक नहीं।
एक कोना,
जहाँ घंटो गुज़ारना पसंद है मुझे,
खुलकर लिखने,गाने की आज़ादी है,
कुछ अपना सा लगता है यहाँ!
मेरी भिखरी पड़ी किताबे, डायरी भी
इस कोने से गुफ्तगू करने लगी है।
ये तकिया जो इस कोने की सबसे अच्छी दोस्त है,
उस पर सर रखकर चैन की नींद सो जाता हूँ ।
डर है कि कोई सफाई वाला न आ जाये,
जो इस कोने की सफाई कर दे,
ये कोना पहले जैसा नहीं रहेगा,
बिखरा,गन्दा,फैला, बिलकुल मेरे जैसा।
डर है की ये कोना मुझसे दूर न हो जाये!
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