वो नहीं है इसका गम न हो

वो थी ये वजह शुक्रगुज़ार होने को क्या कम है ?

दुनिया से पर्दा रोशनियों का बुझना तो नहीं

क्योंकि चिराग तो यूँ बुझाया गया है

कि सुबह होने को है।

~ रविंद्रनाथ टैगोर

Friday, 17 February 2017

ख्वाहिशें!

हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी के हर ख्वाहिश पे दम निकले
 बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले 

   

ख्वाहिशें,
हज़ारो लाखों ख्वाहिशें,
पल पल बदलती ख्वाहिशें,
वेवजह सी नादान ख्वाहिशें है!

कितनो को गले लगाकर सोता,
कुछ को धोखे से सुलाता हूँ

कितनो को पास बिठाता,
कुछ को बस टहलाता हूँ ,

कितनो को खूबसूरत सा खुद बनाता,
कुछ को खूबसूरत होने का एहसास भर दिलाता हूँ,

कितनो को जी भर चूमता,
कुछ के करीब होठ बस लाता हूँ

न जाने कितनो का खून करता
कितनो को दफनाता हूँ
ले देकर मैं कुछ का ही साथ निभा पता हूँ!


Photograph: clicked at Orchha,Madhya Pradesh,India


Tuesday, 14 February 2017

वैलेंटाइन डे वाली कविता!



  इतनी दूर से, 
तुम्हारा चेहरा,
साफ़ दिखाई नहीं देता,

ज़रा आओ तो निगाहों में,
आँखों से तुम्हारा दीदार करूँ,

ज़रा और करीब आओ,
तुम्हारा स्पर्श करूँ,
तुम्हारी कोमलता को गले लगा लूँ,

इतने करीब होने का ये एहसास,
 तुमसे ज़्यादा खूबसूरत होने लगा है,

ज़रा आओ,
दिल के इस मैदान में, 
तुम्हारे साथ प्यार का खूबसूरत खेल खेलूं!

ज़रा आओ,
पतझड हो,
पत्तों सी बिछ जाओ,
और मैं हवा सा तुम्हे उडा ले जाऊँ,

ज़रा आओ,
भूल भुलैया सी,
और मैं बस खो जाऊँ तुझमे,

ज़रा आओ,
परियों की दुनिया छोड़कर,
हक़ीक़त हो,
और मैं तुम्हारे करीब, बेहद करीब!

Photograph: clicked at Orchha,Madhya Pradesh,India

Friday, 3 February 2017

स्टेशन

ट्रैन आ रहीं है,
ट्रैन जा रहीं है,
यात्री सवार हो रहे है,
कुछ यात्री उतर  रहे है,

मगर कुछ ऐसे भी लोग है,
जिनका स्टेशन ही बसेरा है

लेटे बैठे सर्द रात गुज़ार रहे है,
अपनी किसी ट्रैन का न जाने कबसे इंतज़ार है,
शायद ट्रैन कोहरे की वजह से रद्द कर दी गयी है!

ठंड लगातार बढ़ रही है,
पेट लगातार धस रहा है,
साँस लगातार कम् हो रही है,
हाठ-मांस काँप रहा है,
पेट को पैरों से ढककर चादर बना ली गयी है।

न जाने ये रात कैसे गुज़रेगी,
न जाने वो ट्रैन कब आएगी,

वो अपनी ट्रैन का इंतज़ार कर रहे है,
मैं अपनी ट्रैन का इंतज़ार कर रहा हूँ,

वो मुझे देख रहे है,
मैं उन्हें देख रहा हूँ,
उनकी आवाज़ गूंगी हो गयी है,
मेरे कान बहरे हो गए है!