इतनी दूर से,
तुम्हारा चेहरा,
साफ़ दिखाई नहीं देता,
ज़रा आओ तो निगाहों में,
आँखों से तुम्हारा दीदार करूँ,
ज़रा और करीब आओ,
तुम्हारा स्पर्श करूँ,
तुम्हारी कोमलता को गले लगा लूँ,
इतने करीब होने का ये एहसास,
तुमसे ज़्यादा खूबसूरत होने लगा है,
ज़रा आओ,
दिल के इस मैदान में,
तुम्हारे साथ प्यार का खूबसूरत खेल खेलूं!
ज़रा आओ,
पतझड हो,
पत्तों सी बिछ जाओ,
और मैं हवा सा तुम्हे उडा ले जाऊँ,
ज़रा आओ,
भूल भुलैया सी,
और मैं बस खो जाऊँ तुझमे,
ज़रा आओ,
परियों की दुनिया छोड़कर,
हक़ीक़त हो,
और मैं तुम्हारे करीब, बेहद करीब!
Photograph: clicked at Orchha,Madhya Pradesh,India
Thanks Di!
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