वो नहीं है इसका गम न हो

वो थी ये वजह शुक्रगुज़ार होने को क्या कम है ?

दुनिया से पर्दा रोशनियों का बुझना तो नहीं

क्योंकि चिराग तो यूँ बुझाया गया है

कि सुबह होने को है।

~ रविंद्रनाथ टैगोर

Tuesday 17 October 2017

भूख!

 आज देश में कोई बम नहीं गिरा
सीमा पे कोई सिपाही शहीद हुआ

ही किसी ने चौराहे पे नारे लगाए
और ही किसी मिल में हड़ताल हुई

किसी मर्द ने औरत की इज़्ज़त लूटी
और ही हुआ कोई खूंखार दंगा

ज़ोर से बिजली कड़की
कहीं कोई बाढ़ या सुनामी आई

आज जो हुआ
वो किसी अखबार ने छापा
और ही किसी न्यूज़ चैनल पे दिखाई दिया

जनाब!
आज एक गरीब ने फिर रोटी नहीं खाई
सो बेवकूफ 
लात खाने को फुटपाथ पे जाके सो गया !


 



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