वो नहीं है इसका गम न हो

वो थी ये वजह शुक्रगुज़ार होने को क्या कम है ?

दुनिया से पर्दा रोशनियों का बुझना तो नहीं

क्योंकि चिराग तो यूँ बुझाया गया है

कि सुबह होने को है।

~ रविंद्रनाथ टैगोर

Friday, 12 July 2013

JAGO...!!

कल बीत गया,लो आ गया आज,
उठो जागो अब तो कर ले कुछ काज 

माना कल की कडवी यादें है तेरे दिल में बसी,  
इसका मतलब ये तो नहीं कि भुला दे अपनी हँसी,

अरे ! कल जो तेरा था वो तो बीत गया ,
देख! बीत रहा है तेरा आज ,
कर दे ऐसा कुछ ,
कि कल तुझको ही होगा खुद पर नाज!!

हर दर्द तूने सहा है ,
न जाने दुनिया ने तुझसे क्या-क्या है कहा ,
जो कुछ भी तूने है पाया ,इससे कहीं ज्यादा तूने गवाया 
समझ ले ये एक बात ,यहीं है जिन्दगी की माया 

"आज मौका है ,पह्चानले अपने आप को 
तुझमे इतना दम है कि कोई कर सकता तेरे अन्दर के ताप को 
उठ जा जाग जा,आज सच कर ले अपने हर अधूरे ख्वाब को "

कल बीत गया , लो आ गया आज 
उठो जागो अब तो कर ले कुछ काज। 

  ARISE,AWAKE AND WORK TILL YOU REACH YOUR GOAL....!!

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